Explore

Search

February 23, 2025 9:47 pm

लेटेस्ट न्यूज़

Jaipur News: रईसजादों की जमघट गुलजार रहा यह मोहल्ला…….’​जयपुर में आज भी होती है ‘नथ उतराई’ की रस्म…..

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

जयपुर: राजा महाराजाओं की नगरी ‘जयपुर’ दुनियाभर में अपनी खास पहचान रखती है। यह शहर अपनी स्थापत्य और वास्तुकला के लिए देश- दुनिया में पहचाना जाता है। इसके अलावा यहां का इतिहास कई कहानियों को समेटे हुए हैं। इनमें एक कहानी गुलाबी नगरी के चांदपोल इलाके की भी है। चांदपोल दरअसल, ओल्ड जयपुर (परकोटा क्षेत्र) में स्थित वो इलाका है, जहां आजादी के पहले तवायफों को बसाया गया था। तवायफों के डेरे (कोठे) आज भी यहां मौजूद हैं। हालांकि अब ऐसी रौनक और सच्चाई यहां नहीं है, जो कभी इतिहास के पन्नों में समेटी गई थी।

महाराष्‍ट्र और आंधप्रदेश सरकार ने जारी की गाइडलाइन………’कर्नाटक में म‍िला HMPV का पहला मामला, दिल्‍ली, तेलगांना……

आजादी से पहले थे यहां 150 से ज्यादा कोठे

मिली जानकारी के अनुसार आजादी से पहले राजपरिवारों की ओर से ही चांदपोल में तवायफों का यह मोहल्ला बसाया गया था। मीडिया रिपोटर्स के अनुसार इस दौर में यहां 150 से ज्यादा कोठे थे, जो अब घटकर 20 से 30 रह गए हैं। आजादी से पहले बसाए गए तवायफों के इस मोहल्ले में कभी संगीत-नृत्य की महफिल सजती थी। लेकिन अब समय के साथ आए बदलाव और तवायफों के पेशे में आई तब्दीली के बाद यहां कई स्थान वेश्यावृत्ति में भी तब्दील हो गए हैं।

तवायफों के कोठे , बदल गई तस्वीरें

कहा जाता है कि एक समय में तवायफों को राजपरिवार उनकी कला का सम्मान देते हुए आश्रय देते थे। लेकिन धीरे- धीरे तवायफों की रस्में और इतिहास बदल गए। पिछले दिनों मशहूर फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली की वेबसीरीज ‘हीरामंडी’ आई थीं। इस सीरीज की पृष्ठभूमि तवायफों की जिंदगी और ‘नथ उतराई’ की रस्म पर आधारित थी। नथ उतराई की रस्म में एक लड़की को दुल्हन की तरह सजाया जाता था और नाक के बाईं तरफ एक बड़ी नथ पहनाई जाती थी। ये नथ उसके कौमार्य का प्रतीक होती थी। इसके बाद कई अमीर लोगों को न्योता भेजा जाता था। साथ ही वर्जिन लड़की के लिए बोली लगाई जाती थी। जो सबसे बड़ी बोली लगाता था, वह उस लड़की के साथ पहली बार संबंध बनाता था। इसके बाद कभी भी वो तवायफ नथ नहीं पहनती थी। नथ उतराई की रस्म को अब वेश्वावृति से जोड़ भी देखा जाने लगा है।

जयपुर चांदपोल में भी बदल गया कुछ जगह तवायफों की इमेज

जयपुर के चांदपोल शहर में बनी बदनाम गली तवायफों के मोहल्ले में अब आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। बेरोजगारी और आर्थिक परेशानियों के चलते कुछ तवायफें यहां आसपास के क्षेत्र में वेश्वावृत्ति के धंधे में भी उतर गई हैं। इनमें कई लड़कियां ऐसी हैं जो इन्हीं क्षेत्रों से दूर दराज इलाकों में भेजी जाती हैं।

आज भी शाम को सजती है महफिलें

चांदपोल में अब 20 से 30 कोठे ही रह गए हैं। इन 30 कोठों पर आज भी शाम को 7:00 से रात 11:00 बजे तक महफ़िलें जमती हैं। शाम को जब आप इस सड़क से गुजरते हैं, जो झरोंखें बैठी सजी- धजी महिलाएं और दुकानों पर बने मकानों की रंगीन रोशनियों यहां की रौनक का दीदार करवाती हैं।

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर