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अदालत ने पूजा को पूर्व में दी गई गिरफ्तारी पर अंतरिम सुरक्षा को भी हटा दिया। अगस्त माह में पूजा खेड़कर को गिरफ्तारी पर अंतरिम सुरक्षा दी थी। 31 जुलाई को यूपीएससी ने खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और उन्हें आयोग की सभी भविष्य की परीक्षाओं और चयनों से स्थायी रूप से वंचित कर दिया। यूपीएससी ने उन्हें सिविल सेवा परीक्षा-2022 नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने का दोषी पाया था।
ट्रायल कोर्ट ने भी जमानत देने से किया था इनकार
इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने यह कहते हुए खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए जांच एजेंसी को मामले में जांच का दायरा बढ़ाने और पूरी निष्पक्षता से जांच करने का निर्देश दिया था। अग्रिम जमानत देने से इनकार करने के ट्रायल कोर्ट के निर्णय को खेडकर को चुनौती दी है।
अधिकारियों के साथ मिलीभगत की संभावना: हाईकोर्ट
कोर्ट ने कहा कि इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि पूजा के परिवार ने उन नकली दस्तावेजों को हासिल करने के लिए अधिकारियों के साथ मिलीभगत की हो। पूजा द्वारा जांच में हेरफेर करने की क्षमता का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा कि याची यूपीएससी को धोखा देने के लिए एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।
क्या है पूरा मामला
संघ लोक सेवा आयोग 2023 बैच की प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर पर आरोप है कि उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा पास करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और दिव्यांग कोटा का दुरुपयोग किया है। इस मामले में यूपीएससी ने खेडकर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। यूपीएससी ने जांच के बाद उनके चयन को रद्द कर दिया था। उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। उन्हें भविष्य में परीक्षाएं देने से भी रोक दिया गया है।