नई दिल्ली: पाकिस्तान क्रिकेट टीम एक साल से ज्यादा समय से जूझ रही थी। एशिया कप 2023 से शुरू हुआ लचर प्रदर्शन का सफर चलता ही जा रहा था। वर्ल्ड कप 2023 और टी20 वर्ल्ड कप 2024 में पाकिस्तान की टीम पूरी तरह फेल रही। लेकिन फिर मोहम्मद रिजवान को कप्तानी की जिम्मेदारी मिली। पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया में जाकर वनडे सीरीज जीती। अब साउथ अफ्रीका को उसके घर में क्लीन स्वीप कर दिया है। रिजवान को बाबर आजम की जगह वनडे और टी20 में पाकिस्तान का कप्तान बनाया गया है। चलिए समझते हैं कि रिजवान की कप्तानी में पाकिस्तानी टीम को क्यों सफलता मिल रही है।
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दोस्ती की जगह प्रदर्शन को प्राथमिकता
बाबर आजम पर हमेशा दोस्तों यारों को टीम में शामिल करने के आरोप लगते थे। लगातार खराब प्रदर्शन के बाद भी इमाम उल हक, हसन अली, इफ्तिखार अहमद और शादाब खान जैसे खिलाड़ी टीम का हिस्सा बने थे। लेकिन रिजवान की कप्तानी में ऐसा नहीं है। युवा सईम अयूब को ओपनिंग में मौका मिला और उनका प्रदर्शन कमाल का है। बाबर की कप्तानी में नाइंसाफी झेल रहे कामरान गुलाम ने मौका मिलते ही डिलीवर किया।
युवाओं पर जता रहे हैं भरोसा
साउथ अफ्रीका के खिलाफ आखिरी वनडे में चाइनामैन सुफियान मुकीम को मिला मौका। उन्होंने 4 बल्लेबाजों को आउट कर दिया। सईम अयूब तो रन बना ही रहे हैं। अबरार अहमद ने भी रिजवान को कप्तानी मिलने के बाद डेब्यू किया है और 4 मैच में 10 विकेट ले चुके हैं। मोहम्मद रिजवान को कप्तानी मिलने के बाद पाकिस्तान के लिए 8 खिलाड़ी वनडे क्रिकेट में डेब्यू कर चुके हैं।
मोहम्मद रिजवान नेचुरल लीडर
मोहम्मद रिजवान की कप्तानी में साफ दिखता है कि वह नेचुरल लीडर हैं। बाबर आजम के साथ ऐसा नहीं है। रिजवान की कप्तानी में मुल्तान सुल्तांस की टीम लगातार चार सीजन पाकिस्तान सुपर लीग के फाइनल में पहुंची है। इसमें एक बार टीम ने खिताब भी जीता। बाबर के साथ ऐसा नहीं है। उन्हें सिर्फ बेहतर बल्लेबाजी रिकॉर्ड की वजह से कप्तानी की जिम्मेदारी मिली और वह पूरी तरह फेल रहे।