जापान जनसंख्या संकट का सामना कर रहा है। इसलिए इसकी राजधानी टोक्यो इस समस्या को कुछ नए तरीके से हल करने की कोशिश कर रही है। यह तरीका है- 4 दिन का वर्क वीक। अप्रैल से टोक्यो मेट्रोपॉलिटन सरकार अपने कर्मचारियों को सप्ताह में केवल 4 दिन काम करने की इजाजत देने जा रही है। यह एक नई “चाइल्ड केयर पार्शियल लीव” पॉलिसी भी ला रही है, जो कुछ कर्मचारियों को हर रोज दो घंटे कम काम करने की इजाजत देगी।
टोक्यो के गवर्नर युरिको कोइके का कहना है कि इस कदम का लक्ष्य उन कर्मचारियों की मदद करना है जो माता-पिता हैं और बच्चों की देखभाल और काम के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं। जापान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कोइके ने इस सप्ताह टोक्यो मेट्रोपॉलिटन असेंबली के रेगुलर सेशन के दौरान एक भाषण में कहा, “हम फ्लेक्सिबल तरीके से वर्क स्टाइल्स का रिव्यू करना जारी रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि महिलाओं को बच्चे के जन्म या बच्चे के पालन-पोषण जैसे लाइफ ईवेंट्स के चलते अपने करियर का त्याग न करना पड़े।”
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साल की शुरुआत में रिकॉर्ड लो पर आ गई थी जापान में जन्म दर
नई पॉलिसीज ऐसे समय में आई हैं, जब जापान में जन्म दर इस साल की शुरुआत में रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई थी। स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय के अनुसार, जनवरी से जून तक देश में 350,074 जन्म दर्ज किए गए, जो 2023 में इसी अवधि के आंकड़ों से 5.7% कम है। जापान की कुल प्रजनन दर 2023 में 1.2 थी, और टोक्यो में जन्म दर 0.99 से भी कम थी। प्रजनन दर एक महिला के जीवनकाल में बच्चों की संख्या को दर्शाती है।
फॉर्च्यून की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के अनुसार, व्यापक रूप से स्थिर जनसंख्या को बनाए रखने के लिए 2.1 की जन्म दर की जरूरत होती है। सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के अनुसार, एक जापानी नागरिक की औसत आयु 49.9 है। अमेरिका में औसत आयु 38.9 है।
4 डे वर्क वीक के लिए बड़े सामाजिक बदलाव की होगी जरूरत
4 दिन का वर्क वीक जापान के हैवी वर्क कल्चर से जुड़े कुछ मुख्य इश्यूज को हल करने में मदद कर सकता है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड के अनुसार, घरेलू कामों के मामले में पुरुषों और महिलाओं के बीच का अंतर OECD (Organisation for Economic Co-operation and Development) देशों में सबसे बड़ा है। जापान में महिलाएं, पुरुषों की तुलना में 5 गुना अधिक अनपेड वर्क करती हैं, जैसे कि बच्चों की देखभाल और बुजुर्गों की देखभाल। हालांकि 4 डे वर्क वीक को बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए एक बड़े सामाजिक बदलाव की जरूरत होगी।
जापान ने अपनी कम जन्म दर की स्थिति को बदलने की दिशा में कठोर कदम उठाए हैं। 90 के दशक से शुरू करते हुए सरकार ने कंपनियों को उदार पेरेंटल लीव की पेशकश करने की जरूरत बताई, डेकेयर के लिए सब्सिडी जोड़ी और माता-पिता को नकद भुगतान की पेशकश शुरू की। इस साल की शुरुआत में, टोक्यो सरकार ने सिंगल लोगों को पार्टनर खोजने और शादी करने में मदद करने के लिए अपना खुद का डेटिंग ऐप भी लॉन्च किया। फिर भी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 8 वर्षों में जन्म दर में लगातार गिरावट आई है।