तुम एक ही वृक्ष के फल और एक ही शाखा की पत्तियाँ हो। एक-दूसरे के साथ सर्वाप्रेम तथा सद्भाव, मित्रता और भाईचारे का व्यवहार करो। वह जो ‘सत्य का सूर्य है’, ‘मेरा’ साक्षी है! एकता का प्रकाश इतना शक्तिशाली है कि वह सम्पूर्ण धरा को आलोकित कर सकता है।
-बहाउल्लाह
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