जयपुर. राजस्थान की भजनलाल सरकार सूबे के सभी जिलों को नई पहचान देने जा रही है. इसके तहत पंचमुखी विकास को बढ़ावा देने और पंच-गौरव को प्रोत्साहन देने का नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. इसमें प्रत्येक जिले में एक उपज, एक वनस्पतिक प्रजाति, एक उत्पाद, एक पर्यटन स्थल और एक खेल पर विशेष रूप से फोकस किया जाएगा. भजनलाल सरकार की पहली वर्षगांठ पर दिसंबर माह से इस नए कार्यक्रम को लॉन्च किया जाएगा.
राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य होने के कारण यहां के अलग-अलग जिलों में अलग-अलग तरह की भौगोलिक परिस्थितियां हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में अलग-अलग तरह की उपज पैदा होती है. उनमें कई तरह की वनस्पतियां पाई जाती है. प्रदेश के विभिन्न जिलों में अलग-अलग प्रकार के खनिजों से कई तरह के उत्पाद बनाए जाते हैं. राजस्थान में प्रति वर्ष बड़ी संख्या में पर्यटक विभिन्न जिलों में स्थित ऐतिहासिक पर्यटक स्थलों को देखने के लिए आते हैं. उसी प्रकार क्षेत्र के अनुसार इन जिलों में कई तरह के स्थानीय खेल प्रचलित हैं.
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आर्थिक गतिविधियों वाले रोजगार के अवसरों को बढ़ाया जाए
सीएम भजनलाल की मंशा है कि इनके अनुरूप इन जिलों का सर्वांगीण विकास किया जाए. उपलब्ध संभावनाओं के आधार पर इन सेक्टर्स को विकसित किया जाए. आर्थिक गतिविधियों वाले रोजगार के अवसरों को बढ़ाया जाए. इसके लिए प्रत्येक जिले में कम से कम एक उपज, एक वनस्पतिक प्रजाति, एक उत्पाद, एक पर्यटन स्थल और एक खेल पर विशेष रूप से ध्यान देते हुए उनका संरक्षण तथा विकास किया जाए.
जिला कलक्टर पांचों विभागों के साथ समन्वय करेंगे
उदाहरण के तौर पर धौलपुर जिले में स्किम्ड मिल्क पाउडर उत्पादन और आलू की फसल, बारां जिले में सोयाबीन प्रोसेसिंग तथा लहसुन उत्पादन को इस योजना में शामिल किया जाएगा. राज्य स्तर पर एक जिला-एक उपज के लिए कृषि विभाग, एक जिला-एक प्रजाति के लिए वन विभाग, एक जिला-एक उत्पाद के लिए उद्योग विभाग, एक जिला-एक पर्यटन स्थल के लिए पर्यटन विभाग और एक जिला-एक खेल के लिए खेल विभाग नोडल विभाग के रूप में कार्य करेंगे. प्रत्येक जिले के जिला कलक्टर इन विभागों के साथ समन्वय करेंगे. इससे प्रत्येक जिले को एक नई पहचान मिलेगी.