दिल्ली के पूर्व मुख्यमंंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल आज उत्तरी दिल्ली के मॉडल टाउन में स्थित छत्रसाल स्टेडियम में ‘जनता की अदालत’ (Janta Ki Adalat) लगाएंगे। कथित शराब घोटाला केस में जेल से बाहर आने के बाद यह उनका दूसरा सार्वजनिक कार्यक्रम है। इसमें दिल्लीभर से लोगों को बुलाया गया है।
‘आप’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देते समय यह तय किया था कि अब वह पूरी दिल्ली में ‘जनता की अदालत’ में जाएंगे और दिल्ली के ढाई-तीन करोड़ लोगों के बीच जाकर अपनी बात रखेंगे।
संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल रविवार को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में अपनी दूसरी ‘जनता की अदालत’ रैली को संबोधित करेंगे। सिंह ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उम्मीद जताई कि दिल्ली की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में ‘आप’ को भारी बहुमत से जिताकर केजरीवाल को ईमानदारी का सर्टिफिकेट देगी।
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केजरीवाल ने 15 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए कहा था कि उन्हें “जनता की अदालत” में जाने की जरूरत है। उन्होंने शराब नीति मामले में तिहाड़ जेल से रिहा होने के दो दिन बाद यह घोषणा की थी।
‘आप’ के मुखिया ने यह भी कहा था कि फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों में दिल्लीवासियों से ईमानदारी का सर्टिफिकेट मिलने के बाद ही वह मुख्यमंत्री पद पर वापस लौट आएंगे।
केजरीवाल ने 22 सितंबर को जंतर-मंतर पर अपनी पहली ‘जनता की अदालत’ रैली को संबोधित किया था। इसमें उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति के बारे में पांच सवाल पूछे थे।
अरविंद केजरीवाल के ‘जनता की अदालत’ कार्यक्रम पर दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “अरविंद केजरीवाल के ऊपर कोई दबाव नहीं था। उन्होंने जेल से निकलकर अपनी इच्छा से ये फैसला किया कि उन पर जो आरोप लगे हैं वो उन्हें काफी दुखी करते हैं। उन्होंने अपना पूरा जीवन सच्चाई और ईमानदारी में गुजारा। इस दाग को अपने साथ लेकर वे कुर्सी पर नहीं बैठ सकते। लोगों के मन में भी बहुत सारे सवाल हैं। इसी श्रृंख्ला में आज अरविंद केजरीवाल करीब 15 हजार लोगों की अदालत के सामने अपना पक्ष पेश करेंगे।”
दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “जनता की अदालत एक राजनीतिक ड्रामा से ज्यादा कुछ नहीं है। जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कितनी बार जनता की अदालत लगाई? जनता की अदालत के जरिये अरविंद केजरीवाल यह दिखा रहे हैं कि उन्होंने दिल्ली की हालत खराब कर दी है।”