जयपुर : राजस्थान में नवरात्र स्थापना के दिन एक वायरल मैसेज से अधिकारियों और कर्मचारियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लेकिन बाद में जब सच्चाई का पता चला, तो सारी खुशियां काफूर हो गईं। इस वायरल मैसेज में बताया गया कि प्रदेश में अब 16 अक्टूबर तक अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफरों से रोक हटा दी है। यह रोक अब निगमों, मंडलों, बोर्ड और स्वायत्त संस्थाओं से भी हटाई गई है। इस वायरल मैसेज के बाद सरकारी कर्मचारियों में फिर से ट्रांसफर की आस जग गई, लेकिन जब फैक्ट चेक किया गया तो विभाग ने इस मैसेज को फर्जी बताया।
फर्जी आदेश में 3 से 16 अक्टूबर तक ट्रांसफर पर हटाई रोक
राजस्थान सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय अनुभाग (प्रथम) के नाम से यह फर्जी आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस आदेश के आने के बाद आनन-फानन में अधिकारियों और कर्मचारियों में भी खुशी फैल गई। इस फर्जी आदेश में बताया कि राजकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण को लेकर पूर्व में जो रोक लगाई गई थी, उसे 3 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक की अवधि के लिए हटा दिया गया है, यानी इस अवधि में प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण हो सकेंगे। आदेश में यह भी लिखा कि राज्य के समस्त निगमों, मंडलों, बोर्ड और स्वायत्तसेवी संस्थाओं में भी इस आदेश के तहत ट्रांसफर होंगे। माना जा रहा है कि पूर्व के किसी आदेश में दिनांक में काट-छांटकर यह फर्जी आदेश निकाल गया है। इस आदेश दिनांक के फोन्ट्स भी अलग नजर आ रहे हैै।
जिस शासन सचिव के नाम से जारी हुआ आदेश, उनका तो हो चुका है ट्रांसफर
प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय अनुभाग (प्रथम) के नाम से जारी इस फर्जी आदेश में न तो पत्र क्रमांक का उल्लेख है, ना दिनांक का। इसके अलावा इस आदेश पर शासन सचिव राजन विशाल के डिजिटल हस्ताक्षर अंकित है, जबकि शासन सचिव राजन विशाल का हाल ही में सरकार की ओर से जारी आईएएस की लिस्ट में ट्रांसफर हो चुका है, उनकी जगह अब उर्मिला राजोरिया ने इस पद की कमान संभाली है। इधर, यह आदेश वायरल होने के बाद प्रशासनिक सुधार विभाग ने इस आदेश को फर्जी बताया है। वहीं विभाग की शासन सचिव उर्मिला राजोरिया ने भी ट्रांसफर को लेकर हटाए गए प्रतिबंध से इनकार किया है।