जयपुर। देश की प्रमुख हेल्थ मैनेजमेंट रिसर्च यूनिवर्सिटी आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने दुनिया भर के शीर्ष विश्वविद्यालयों में से एक, कर्टिन यूनिवर्सिटी, मलेशिया के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की है। यह सहयोग छात्रों और संकाय सदस्यों को उनके भविष्य को बेहतर बनाने और उन्हें विकास के असाधारण अवसर प्रदान करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
इस साझेदारी के जरिये छात्रों और संकाय सदस्यों दोनों को एक्सचेंज के अनेक अवसर मिलेंगे, साथ ही उन्हें संयुक्त अनुसंधान पहल और विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से जीवन बदलने वाला अनुभव हासिल होगा।
इस नई शुरुआत पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए, आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी आर सोडानी ने कहा, ‘‘पिछले कई वर्षों से आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी में हम अपने छात्रों को बेहतरीन अवसर प्रदान करने और अपने संकाय सदस्यों को सर्वाेत्तम पेशेवर विकास का मौका देने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। यह समझौता ज्ञापन हमारे वादे को पूरा करने और अपने पूर्व-निर्धारित मानकों को पार करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। अपनी सामूहिक विशेषज्ञता को जोड़कर हम रिसर्च की दिशा में आगे बढ़ने और निरंतर विकास का एक बेहतर ईको सिस्टम बनाने के लिए अपने संसाधनों का लाभ उठा रहे हैं। मैं कर्टिन यूनिवर्सिटी के साथ रिसर्च और ट्रेनिंग के बेहतर कार्यक्रम तैयार करने के लिए उत्सुक हूं।’’
यह सोच-समझकर तैयार की गई साझेदारी दो प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच अकादमिक सहयोग, संयुक्त अनुसंधान पहल और ज्ञान और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। संयुक्त शक्ति का उपयोग करते हुए, दोनों विश्वविद्यालय शिक्षा, अनुसंधान और सतत विकास में प्रभावशाली प्रगति को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं, जिससे वैश्विक चुनौतियों के लिए अभिनव समाधानों का मार्ग प्रशस्त हो सके।
मलेशिया यात्रा के दौरान, आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधिमंडल ने 3-4 सितंबर, 2024 को कर्टिन यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित ग्लोबसिंक कम्युनिटी रिसर्च एंड सस्टेनेबिलिटी कॉन्फ्रेंस में भी भाग लिया। डॉ. पी. आर. सोडानी ने “Bridging Gaps for SDGs through Transforming Management Education: A Strategic Pathway to a Sustainable Future” विषय पर एक शक्तिशाली और प्रभावशाली मुख्य भाषण दिया। उनकी दूरदर्शी अंतर्दृष्टि ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को आगे बढ़ाने और अधिक टिकाऊ वैश्विक भविष्य की दिशा में एक रणनीतिक पाठ्यक्रम तैयार करने में अभिनव प्रबंधन शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।