फलों या इसके जूस के सेवन को शरीर के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। फलों के जूस में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है जो शरीर को ताकत देने, आपको कई प्रकार की बीमारियों से सुरक्षित रखने में मददगार हो सकती है। अनार, संतरे, मौसमी और अनानास जैसे फलों के जूस के नियमित सेवन को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद बताया गया है। पर कहीं आप बाजार में मिलने वाले पैक्ड जूस का सेवन तो नहीं करते हैं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, फलों के जूस आपके लिए तभी फायदेमंद माने जाते हैं जब आप ताजे फलों के रस का सेवन करते हैं। बाजार में फलों के पैक्ड जूस आसानी से उपलब्ध होते हैं, इनका स्वाद भी वही होता है और कंपनियों द्वारा दावा भी किया जाता है कि इनसे सेहत को कई प्रकार के लाभ हो सकते हैं।
पर क्या पैक्ड जूस, ताजे फलों के जूस की ही तरह से लाभकारी होते हैं? क्या सभी लोगों को इसका सेवन करना चाहिए? आइए जानते हैं।
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दुनियाभर में फलों के जूस की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पैकेट वाले जूस का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। इन जूस में वैसे तो फलों का रस होता है पर अक्सर इसे और स्वादिष्ट बनाने के लिए फ्लेवर, खाने वाले रंग भी मिलाए जाते हैं। ये जूस लंबे समय तक खराब न होने पाएं इसके लिए इनमें कई प्रकार के प्रीजर्वेटिव्स मिलाए जाते हैं। इन सबके अलावा पैक्ड जूस में एडेड शुगर की भी मात्रा अधिक होती है। ये सभी तत्व शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
अध्ययनों में क्या पता चला?
यूएस में पैकेट वाले जूस बेचने वाली 24 राष्ट्रीय और निजी लेबल ब्रांड की जांच की गई। इसमें विभिन्न स्वादों वाले 45 प्रकार के जूस का परीक्षण किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, उनमें से कई में लेड का स्तर बहुत अधिक था। ये धातुएं बच्चों में न्यूरोडेवलपमेंटल समस्याओं का कारण बन सकती हैं।
इसके अलावा कई लोकप्रिय ब्रांड जो सेब का जूस बेचती हैं, उनमें एक डब्बे में 14 ग्राम तक चीनी थी। यह लगभग 3 चम्मच चीनी के बराबर है। अध्य्यनों में कहा जाता रहा है कि एडेड शुगर हमारे शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकते हैं।
क्या कहती हैं आहार विशेषज्ञ?
आहार विशेषज्ञ पारुल शर्मा कहती हैं, पैकेट वाले जूस में फलों के रस के साथ मौजूद कई तत्व नुकसानदायक प्रभावों वाले हो सकते हैं। विशेषतौर पर इसमें एडेड शुगर की मात्रा मोटापा, डायबिटीज जैसी कई समस्याओं को बढ़ाने वाली हो सकती है। जिन लोगों को डायबिटीज की दिक्कत है उन्हें इस तरह के जूस के सेवन से परहेज करना चाहिए।
ऐसे जूस जिनमें प्रिजर्वेटिव नहीं होता उनकी शेल्फ लाइफ लंबी नहीं होती। लंबे समय तक प्रिजर्वेटिव वाली चीजों के सेवन को अध्ययनों में कई तरह की क्रोनिक बीमारियों को बढ़ाने वाला पाया गया है। यही कारण है कि पैक्ड जूस को ताजे जूस की तुलना में सुरक्षात्मक नहीं पाया गया है।
साबुत फल अधिक फायदेमंद
डायटीशियन कहती हैं, जूस की जगह साबुत फलों का छिलके और गूदे सहित सेवन करना अधिक लाभदायक होता है, इससे अधिक फाइबर प्राप्त हो सकता है। फाइबर कई प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम करने, कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, साबुत फलों में विटामिन्स भी अधिक होते हैं। जूस बनाने की प्रक्रिया के दौरान इनकी मात्रा कम हो जाती है।
अगर आप फलों का सेवन नहीं कर सकते हैं तो ताजे फलों का जूस पिएं। पैक्ड जूस का सेवन कम से कम किया जाना चाहिए। ये उतने फायदेमंद नहीं होते हैं जितने विज्ञापनों में बताए जाते हैं।