Jaipur News: राजस्थान में मानसून ने इस बार कई रिकॉर्ड तोड़ दिए. इन्हीं में से एक है बांधों का भरना. महज दो महीने में ही प्रदेश के 357 बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं. पाली, जयपुर और बूंदी जिले के कई बांध ऐसे थे,जो सालों तक सूखे थे. ऐसे करीब 423 बांध हैं.
61 प्रतिशत बारिश ज्यादा
मानसून की विदाई से पहले मरुधरा के बांधों की तस्वीर बदल गई है. प्रदेश में मानसून की मेहरबानी से 5 साल बाद 357 बांध पानी से लबालब हो गए हैं. इससे पहले 2016 में 423, 2019 में 410 बांध भर गए थे. इस बार 197 बांधों के तो गेट खुल चुके है और पानी छोड़ा जा रहा है. प्रदेश के सभी 691 बांधों में 83.52% पानी है. पिछले साल सितंबर में यह आंकड़ा 64.32% था. कुल मिलाकर इस बार बांधों में 247.7 करोड़ क्यूबिक मीटर पानी ज्यादा है. अब केवल 108 बांध ही खाली हैं. 226 बांध आधे से ज्यादा भरे हुए हैं.बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण व अवैध निर्माण के कारण इनमें कम पानी आया है.
पिछले साल सिर्फ 200 बांध फुल थे
पिछले मानसून सीजन में 200 बांध ही फुल हो सके थे. हालांकि उस समय कुल भरे हुए बांधों में से 85 फीसदी बांध तो जून-जुलाई में ही फुल हो गए थे. अगस्त-सितंबर में मानसून कमजोर रहा था और बांधों में पानी आना बहुत कम हो गया था. इस बार सामान्य से 61.77% ज्यादा बारिश हुई है. जल संसाधन विभाग के स्टेशनों ने 631.98 एमएम बारिश दर्ज की है. इससे प्रदेश के अधिकांश बड़े बांध भर चुके हैं.
सितंबर में और बरसेंगे मेघ
जल संसाधन विभाग के 5 जोन हैं. इसमें से मारवाड़,मेवाड़ के बांधों में कम पानी आया है. जोधपुर जोन के बांधों में केवल 58 प्रतिशत और उदयपुर जोन के बांधों में 65 पानी ही है. सबसे ज्यादा ज्यादा 92.73% पानी बांसवाड़ा जोन के बांधों में है.अभी सितंबर का महीना बाकी है,ऐसे में बादल तोड बारिश के बीच अभी बांधों की तस्वीर और बदलेगी.