बिहार के आरा रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने रानी कमलापति-सहरसा एक्सप्रेस को रोक दिया। दरभंगा में बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस को रोका गया।
सुप्रीम कोर्ट के SC आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने की इजाजत देने के खिलाफ बुधवार को दलित-आदिवासी संगठनों ने 14 घंटे का भारत बंद बुलाया है। नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन (NACDAOR) ने इसे दलित और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ बताया है।
बिहार में बंद का सबसे ज्यादा असर दिख रहा है। वहीं राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में इसको लेकर अलर्ट है। कांग्रेस, TMC, सपा, बसपा, RJD, झामुमो समेत कई दलों ने बंद का समर्थन किया है।
राज्यवार बंद का असर
बिहार:
आरा में प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों पर नारेबाजी की, इससे गाड़ियों की आवाजाही रुक गई।
- आरा और दरभंगा में ट्रेनें रोकी।
- जहानाबाद, सहरसा और पूर्णिया में हाईवे जाम।
- कई शहरों में नारेबाजी और प्रदर्शन जारी।
राजस्थान:
राजस्थान-पाकिस्तान बॉर्डर के जिले बाड़मेर में निकाली गई रैली में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए।
- जयपुर समेत 16 जिलों में स्कूल बंद।
- भरतपुर में एहतियातन इंटरनेट बंद।
- अलवर में रोडवेज की बसें रोकीं।
मध्य प्रदेश:
मध्य प्रदेश के उज्जैन में बाजार बंद कराने पर दुकानदारों की प्रदर्शनकारियों से झड़प हुई।
- ग्वालियर में एहतियातन स्कूल बंद।
- उज्जैन में प्रदर्शनकारी-दुकानदारों के बीच बहस।
सुप्रीम कोर्ट के कमेंट के बाद बढ़ा विवाद
सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को कहा था कि राज्य सरकारें अब अनुसूचित जाति, यानी SC के रिजर्वेशन में कोटे में कोटा दे सकेंगी। कोर्ट ने अपना 20 साल पुराना फैसला पलटकर नई व्यवस्था दी। तब कोर्ट ने कहा था कि अनुसूचित जातियां खुद में एक समूह हैं, इसमें शामिल जातियों के आधार पर और बंटवारा नहीं किया जा सकता।
हालांकि कोर्ट ने अपने नए फैसले में राज्यों के लिए जरूरी हिदायत भी दी है। कहा है कि राज्य सरकारें मनमर्जी से फैसला नहीं कर सकतीं।
इसके लिए दो शर्तें होंगी
पहली: अनुसूचित जाति के भीतर किसी एक जाति को 100% कोटा नहीं दे सकतीं।
दूसरी: अनुसूचित जाति में शामिल किसी जाति का कोटा तय करने से पहले उसकी हिस्सेदारी का पुख्ता डेटा होना
लाइव अपडेट्स
रांची में सड़क पर आगजनी, बांस-बल्ली से रास्ता रोका
सुप्रीम कोर्ट के SC आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों की ओर से आज भारत बंद बुलाया गया है। भारत बंद का झारखंड की राजधानी रांची में असर दिखना शुरू हो गया है। रांची के शहरी क्षेत्र के साथ-साथ रिंग रोड के इलाके में बंद समर्थक सुबह नौ बजे से उतरे गए और सड़कों को ब्लॉक कर दिया।
ओडिशा में मिलाजुला असर
सुप्रीम कोर्ट SC आरक्षण में कोटे की इजाजत के खिलाफ दलित और आदिवासी संगठनों के भारत बंद का ओडिशा में असर दिखा। रेल और सड़क यातायात मामूली प्रभावित दिखे। सरकारी कार्यालय, बैंक, दुकान और स्कूल खुले रहे।
राजस्थान-पाकिस्तान बॉर्डर के बाड़मेर में रैली निकाली गई
आगरा में जबरन बंद कराई दुकानें
सुप्रीम कोर्ट के SC आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों ने आज भारत बंद बुलाया है। यूपी में इसका असर दिख रहा है। आगरा में सड़क पर उतरे बसपा कार्यकर्ताओं ने जबरन दुकानें बंद करवाईं।
आरा, दरभंगा में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन रोकी, ट्रैक पर बैठे
सुप्रीम कोर्ट के SC आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों की ओर से आज भारत बंद बुलाया गया है। जहानाबाद में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच नोकझोंक हुई है। पटना महेंद्रु इलाके प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे हैं। यहां पुलिस के सामने जबरन दुकानें बंद कराई जा रही है।
भारत बंद का मध्यप्रदेश में मिला-जुला असर
भारत बंद के दौरान उज्जैन में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) संगठनों के सदस्यों और एक दुकानदार के बीच झूमा-झटकी हो गई। टावर चौक इलाके में बाजार बंद कराने पहुंचे कराने पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने दुकान बंद करने की बात कही तो दुकानदार ने इनकार कर दिया। इस पर बंद समर्थक दुकान का काउंटर धकेलने लगे। दुकानदार ने आपत्ति जताई। दोनों के बीच बहस होने लगी। मौके पर मौजूद लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया।
SC आरक्षण को लेकर राजस्थान बंद, 4 जिलों में नेटबंदी
अनुसूचित जाति के आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कार्ट के फैसले के विरोध में आज राजस्थान भी बंद है। इस कारण भरतपुर संभाग के 4 जिलों (भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर और डीग-कुम्हेर) में नेटबंदी की गई है। जयपुर सहित 16 जिलों में स्कूल-कॉलेजों में भी छुट्टी घोषित है। तीन यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं भी आज कैंसिल रहेंगी।
आगरा में बड़ी संख्या में बसपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। धनौली में प्रदर्शनकारियों द्वारा बाजार बंद कराया जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस आईलैंड पर चढ़कर उस पर झंडा लगा दिया गया है। सभी लोग कलेक्ट्रेट की तरफ जा रहे हैं। बसपा जिलाध्यक्ष विमल कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती की ओर से सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को भारत बंद के समर्थन करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
8 फरवरी: कोर्ट ने कहा- सबसे पिछड़ों को फायदा पहुंचाने के लिए दूसरों को बाहर नहीं किया जा सकता
बेंच ने कहा कि मान लीजिए बहुत सारे पिछड़े वर्ग हैं और राज्य केवल दो को ही चुनता है। ऐसे में जिन्हें बाहर रखा गया है वे इसे चुनौती दे सकते हैं। सबसे पिछड़ों को लाभ देते समय राज्य सरकारें दूसरों को बाहर नहीं कर सकतीं। वर्ना यह तुष्टिकरण की एक खतरनाक प्रवृत्ति बन जाएगी। कुछ राज्य सरकारें कुछ जातियों को चुनेंगी, कुछ अन्य जातियों को चुनेंगी। हमें इसका पैमाना बनाना होगा।
7 फरवरी: SC-ST आर्थिक, शैक्षिक, सामाजिक स्थिति में एक समान नहीं हो सकते
सुनवाई के दूसरे दिन कोर्ट ने कहा कि SC और ST अपनी आर्थिक, शैक्षिक और सामाजिक स्थिति के मामले में एक समान नहीं हो सकते हैं। ये एक निश्चित उद्देश्य के लिए एक वर्ग हो सकते हैं, लेकिन वे सभी उद्देश्यों के लिए एक कैटेगरी नहीं बन सकते।
6 फरवरी 2024: कोर्ट ने पूछा- क्या IAS-IPS अफसरों के बच्चों को कोटा मिलना चाहिए
सुनवाई के पहले दिन पंजाब सरकार ने दलील दी कि पिछड़े वर्गों में सबसे पिछड़े समुदायों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें रोजगार के अवसरों का लाभ उठाने के लिए साधन उपलब्ध कराए जाने चाहिए। इस पर बेंच ने सवाल किया कि पिछड़ी जातियों में मौजूद संपन्न उपजातियों को आरक्षण की सूची से क्यों नहीं हटाया जाना चाहिए।
बेंच ने यह भी पूछा कि क्या IAS-IPS अफसरों के बच्चों को कोटा मिलना चाहिए? जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि इन्हें आरक्षण सूची से क्यों नहीं निकाला जाना चाहिए? कुछ उपजातियां संपन्न हुई हैं। उन्हें आरक्षण से बाहर आना चाहिए। ये बाहर आकर बेहद पिछड़े और हाशिए पर चल रहे वर्ग के लिए जगह बना सकते हैं।
2006 में पंजाब सरकार कानून लेकर आई, जिसमें शेड्यूल कास्ट कोटा में वाल्मीकि और मजहबी सिखों को नौकरी में 50% रिजर्वेशन और प्राथमिकता दी गई। 2010 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताया और कानून खत्म कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ पंजाब सरकार समेत 23 याचिकाएं दायर की गईं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर 6 फरवरी 2024 को सुनवाई शुरू की।
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पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने सुनवाई के दौरान कहा कि भर्ती परीक्षा में 56% अंक हासिल करने वाले पिछड़े वर्ग के सदस्य को 99% हासिल करने वाले उच्च वर्ग के व्यक्ति की तुलना में प्राथमिकता दी जाए। क्योंकि उच्च वर्ग के पास हाईक्लास सुविधाएं हैं, जबकि पिछड़ा वर्ग इन सुविधाओं के बिना ही संघर्ष करता है।