रीढ़ की हड्डी की समस्या गंभीर होने पर ही सर्जरी की जरूरत पड़ती है. इस सर्जरी से काफी आराम भी मिल जाता है. इससे मरीज की समस्या जल्दी ठीक भी हो जाती है. हालांकि, कई लोग रीढ की हड्डी यानी स्पाइन सर्जरी (Spine Surgery) करवाने से घबराते हैं. इसके कई कारण होते हैं.
ज्यादातर किसी भी बीमारी में मरीज ऑपरेशन यानी सर्जरी से बचना चाहता है. वह इलाज के विकल्पों की तलाश करता है. ऐसे में स्पाइन सर्जरी से भी डरना स्वभाविक है. जानिए स्पाइन सर्जरी में क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं.
स्पाइन प्रॉब्लम में क्या सर्जरी ही एकमात्र उपाय
रीढ़ की हड्डी में किसी समस्या के ज्यादातर मरीज दवाईयों और फिजियोथेरेपी से ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ मरीज ऐसे होते हैं, जिन्हें इससे फायदा नहीं मिलता है. इसकी वजह से सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बचता है. हालांकि, यह गारंटी नहीं होती है कि सर्जरी के बाद मरीज की समस्या पूरी तरह ठीक हो पाएगी या नहीं.
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क्या स्पाइन सर्जरी फायदेमंद है
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आज इलाज के लिए कई टेक्नोलॉजी और तरीके आ गए हैं. रीढ़ की समस्याओं की बेहतर तरीके से समझने के लिए MRI जैसे विकल्प मौजूद हैं. नए-नए मेडिकल इक्विपमेंट जैसे-मिनिमम इनवेसिव सर्जरी या माइक्रोस्कोप के आने से सर्जरी काफी सुरक्षित और प्रभावी बन गई है.
क्या स्पाइन सर्जरी के बाद समस्या दोबारा से हो सकती है
एक बार सर्जरी के बाद भी मरीजों को चिंता रहती है कि कहीं दोबारा से उनकी समस्या न उभर जाए. इसे लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्यादातर सर्जरी करवाने वाले मरीज चाहते हैं कि इसके बाद वे पूरी तरह ठीक हो जाएं. हम सभी जानते हैं कि रीढ़ शरीर का काफी एक्टिव रहने वाला पार्ट है. यह पीठ और गर्दन के लचीलेपन के लिए भी काम करता है.
बॉडी वेट, बढ़ती उम्र की वजह से होने वाली समस्याएं स्पाइन की दिक्कतों को दोबारा से भी बढ़ा सकता है. ज्यादा हैवी काम करने वालों में भी ये दिक्कतें हो सकती हैं. ऐसे में जरूरी है कि सर्जरी के बाद डॉक्टर की बताई बातों का सही तरह पालन करें, ताकि समस्या दोबारा से न हो.