दरअसल, शहर में पैसेंजर और डिलेवरी वाहनों का संचालन करने के लिए कंपनियों को परिवहन विभाग से एग्रीगेटर लाइसेंस लेना होता है। यह लाइसेंस पांच साल के लिए दिया जाता है लेकिन तीनों कंपनियों का पांच साल का लाइसेंस खत्म हो गया है। ऐसे में इन कंपनियों के वाहनों पर रोक लगा दी गई है।
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राजधानी में करीब आधा दर्जन कंपनियों के पैसेंजर और डिलेवरी वाहन संचालित हो रहे हैं। इनके करीब दस हजार चार पहिया और दोपहिया वाहन दौड़ रहे हैं। वहीं इन तीन कंपनियों के करीब डेढ़ हजार वाहन सेवाएं दे रहे हैं। परिवहन विभाग ने सांकेतिक तौर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। ऐसे में तीनों कंपनियों को अपना लाइसेंस रिन्यू कराना होगा। इसी के साथ जयपुर में कंपनी का ऑफिस शुरू करना होगा।
परिवहन विभाग से निर्देश मिले हैं, तीनों कंपनियों का लाइसेंस खत्म हो गया है। हमने कार्रवाई शुरू कर दी है। अगर इन कंपनियों के वाहन चलते पाए गए तो साढ़े पांच हजार रुपए तक का जुर्माना किया जाएगा।
राजेश चौहान, आरटीओ प्रथम, जयपुर.