आगरा: ये कहानी आगरा की ऐसी नाबालिग लड़की की है, जो खुशियों में शामिल होने के लिए आई थी, लेकिन उसकी जिंदगी में ऐसा भूचाल आया कि पल भर में जीवन तबाह हो गया। 17 साल की नाबालिग की अस्मत को 8 दिनों में दर्जनों बार लूटा गया। यही नहीं उसे आगरा से बाहर ले जाकर बेचा गया। उसकी जबरन शादी भी कराई गई। बंधक बनाकर रखा गया। हैरत की बात यह है कि नाबालिग केस में पॉस्को के तहत केस दर्ज नहीं हुआ है। उसकी काउंसलिंग भी नहीं हुई। झकझोर देने वाले मामले में कहानी में पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान उठ रहे हैं।
आगरा के सैंया की रहने वाली 17 साल की नाबालिग अपनी दादी के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए थाना जगदीशपुरा क्षेत्र में आई थी। किसी काम से दादी को गांव लौटना पड़ा और वह नाबालिग को छोड़ गई। नाबालिग की दोस्ती स्थानीय निवासी एक लड़की से हुई। वह लड़की नाबालिग को अपने घर ले गई। लड़की की मां और उसकी दूसरी बेटी ने नाबालिग के साथ जुल्म की वो कहानी लिखी कि उसका जीवन तबाह हो गया। चंदा के साथ पहले तो आगरा में गैंगरेप हुआ। इसके बाद उसके राजस्थान कोटा ले जाकर 45 हजार में बेच दिया। उसकी जबरन शादी करा दी गई। राजस्थान में नाबालिग का लगातार दुष्कर्म किया गया।
कोटा में बेची गई
ह्यूमन ट्रैफिंग के मामलों में जिम्मेदारों की शिथिलता से तस्कर खूब फायदा उठाते हैं। पैरवी नहीं होने से मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। इस केस में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। जगदीशपुरा की रहने वाली शकुंतला नामक महिला अपने साथियों के साथ 18 जून को नाबालिग को कोटा ले गई। वहां एक होटल में पीड़िता का 45 हजार में सौदा हुआ। पीडि़ता के पिता ने बताया कि 21 जून को बेटी की शादी जबरन राकेश नामक युवक से करा दी गई, जो उसे कोटा से अजमेर के केकड़ी जिले में ले गया। वहां बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया।
8 दिनों तक होती रही दरिंदगी
पीड़िता के पिता ने पुलिस कमिश्नर को बताया कि उसकी बेटी 18 जून को लापता हुई थी। सबसे पहले उसके साथ तांत्रिक ने नशीला पदार्थ खाकर दुष्कर्म किया। 21 जून को राकेश को बेच दिया गया। होटल और केकड़ी जिले में राकेश के घर में उसके साथ 26 जून तक गंदा काम होता रहा। पीड़िता ने अपनी आपबीती में बताया कि उसे नशे की हालत में रखा जाता था। जब भी उसे होश आता था, उसके कपड़े अस्त व्यस्त होते थे।
पुलिस ने दरिंदों को किया सुपुर्द
पीड़िता के पिता ने बताया कि 26 जून की रात उसकी बेटी ने उसके भाई से फोन करके अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी थी। इसके बाद वह दरिंदों के चंगुल से निकल कर भाग आई। रात करीब 12 बजे वह एक पेट्रोल पंप पर आकर बैठ गई। जहां राकेश महिला साथ आ गए। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। आरोप है कि पुलिस ने पैसे लेकर उनकी बेटी को बेचने वाली शकुंतला और सनी नाम के युवक के सुपुर्दगी में दे दिया।
366 में दर्ज हुआ केस
नाबालिग के पिता ने अपनी शिकायत में बेटी के शैक्षणिक दस्तावेज पेश किए थे, लेकिन इसके बावजूद भी ये केस पॉक्सो में दर्ज नहीं हुआ और न ही पीड़िता की काउंसलिंग कराई गई। जुवेनियल ऐक्ट से जुड़े इस मामले में सीडब्ल्यूसी के सामने में पीड़िता की पेशी नहीं हुई है। पुलिस ने इस मामले में नाबालिग को ही वादी बना दिया है। थाना जगदीशपुरा में 366 में केस दर्ज हुआ है, जबकि पिता से तहरीर नहीं ली। इस संबंध में मिशन शक्ति अभियान की नोडल एसीपी एत्मादपुर सुकन्या शर्मा का कहना है कि दस्तावेजों में बच्ची की उम्र नाबालिग है, तो पॉक्सो में उसका केस दर्ज होना चाहिए। इसके साथ उसकी काउंसलिंग भी होनी चाहिए। उन्होंने पीडि़ता को न्याय दिलाने की बात कही है।