दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की समस्याएं आने वाले दिनों में बढ़ सकती है. दिल्ली की एक अदालत ने निरस्त आबकारी नीति मामले में बुधवार को सीएम केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को 3 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया. इससे पहले स्पेशल जज ने ED से पूछा कि अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को बढ़ाने की क्या जरूरत है? इसपर ED की ओर से कोर्ट में पेश हुए ASG एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि 100 करोड़ के शराब घोटाला मामले में 45 करोड़ रुपये का पता चल गया है. हाई-प्रोफाइल केस की सुनवाई के दौरान मामले में एक अन्य आरोपी के. कविता का भी नाम आया. साथ ही गोवा विधानसभा चुनाव का भी उल्लेख किया गया.
अरविंद केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ के जेल नंबर-2 में कैद हैं. ED ने लंबी पूछताछ के बाद सीएम केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. बीच में लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी. केजरीवाल ने 2 जून 2024 को सरेंडर किया था. अब एक बार फिर से कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली है. उनकी न्यायिक हिरासत को 3 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. 19 जून को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी से जानना चाहा कि अरविंद केजरीवाल की हिरासत को बढ़ाने की क्या जरूरत है. इस पर ईडी ने मुकम्मल जवाब दिया.
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₹45 करोड़ के मनी ट्रेल का चला पता- ED
ED की ओर से कोर्ट में पेश हुए ASG SV राजू ने बताया कि विनोद चौहान को अभिषेक बोइनपल्ली के माध्यम से के. कविता के पर्सनल असिस्टेंट से 25 करोड़ रुपये मिले थे. न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, इस पैसे का इस्तेमाल गोवा चुनाव में हुआ था. सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि 25 करोड़ रुपया 100 करोड़ रुपये के मनी ट्रेल का ही हिस्सा है. उन्होंने आगे जज को बताया कि अभी तक 45 करोड़ रुपये के मनी ट्रेल का पता चल चुका है. विनोद चौहान के खिलाफ जांच चल रही है और जून महीने के अंत तक मामला दर्ज कर लिया जाएगा.
‘मामला घूम फिर कर केजरीवाल की भूमिका पर ही आता है’
एएसजी एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि केस से जुड़ा हर मामला आखिरकार केजरीवाल की भूमिका पर ही आकर टिकता है. वहीं, केजरीवाल की ओर से कोर्ट में पेश हुए एडवोकेट विवेक जैन ने दलील दी कि केजरीवाल की हिरासत बढ़ाने का कोई आधार नहीं है. हालांकि, कोर्ट ने उनकी दलील को ठुकरा दिया.