भारत में मौसम के अलग-अलग रूप देखने को मिल रहे हैं. देश के कुछ हिस्सों में आंधी-तूफान के साथ बारिश की गतिविधियां देखी जा रही हैं तो वहीं कुछ इलाकों में फिर से हीटवेव का दौर शुरू होने की आशंका है. मौसम विभाग की मानें तो 16 मई से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान और गोवा में दोबारा लू का दौर शुरू होने का अलर्ट जारी किया गया है. वहीं 15 मई को ओडिशा, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल के कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है.
दिल्ली का मौसम
दिल्ली में भीषण गर्मी के बीच तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग का कहना है कि इस सप्ताह दिल्ली का पारा 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. IMD के मुताबिक, इस पूरे हफ्ते दिल्ली का अधिकतम तापमान 41 से 44 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है. वहीं न्यूनतम तापमान 25 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है.
देश के मौसम का हाल
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, आज दक्षिणी ओडिशा, आंध्र प्रदेश के उत्तरी तट, तटीय कर्नाटक, आंतरिक तमिलनाडु और केरल में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ कुछ भारी बारिश की संभावना है. वहीं तमिलनाडु, आंतरिक कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, दक्षिण तेलंगाना, गुजरात के कुछ हिस्सों, मध्य महाराष्ट्र, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.
बाहुबली धनंजय सिंह: ये बयान आया, काफी चर्चाओं में; ‘अमित शाह’ की हर सीट पर नजर….
इसके अलावा पूर्वोत्तर भारत, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मराठवाड़ा, विदर्भ, दक्षिण मध्य प्रदेश और पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर हल्की वर्षा संभव है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार के अधिकांश हिस्सों, झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मौसम लगभग शुष्क हो सकता है और इन क्षेत्रों में तापमान बढ़ जाएगा.
देश की मौसमी गतिविधियां
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, एक निम्न दबाव की रेखा मध्य और ऊपरी क्षोभमंडलीय पछुआ हवाओं के साथ अपनी धुरी के साथ समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर, 79° पूर्व देशांतर के साथ 32° उत्तर अक्षांश के उत्तर में चल रही है. वहीं पूर्वोत्तर असम पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. झारखंड और आसपास के इलाकों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है.
इसके अलावा एक ट्रफ रेखा दक्षिण आंतरिक कर्नाटक पर चक्रवाती परिसंचरण से निचले स्तर पर मध्य महाराष्ट्र होते हुए उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश तक फैली हुई है. उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. एक और चक्रवाती परिसंचरण कोमोरिन क्षेत्र पर है.
वहीं दक्षिण पश्चिम मानसून के 19 मई के आसपास दक्षिण अंडमान सागर, दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और निकोबार द्वीप समूह में आगे बढ़ने की उम्मीद है. 17 मई से एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करेगा.