ज़माना अब पहले से काफी बदल चुका है. पहले जो काम इंसान करते थे, अब वो मशीनें करने लगी हैं. पहले से चीज़ें काफी अलग हो चुकी हैं. कुछ जगहों पर तो इंसानों का रिप्लेसमें मशीनें बन रही हैं. सिर्फ काम में ही नहीं, जहां लोग समझते थे कि इंसानों का कोई विकल्प नहीं है, वहां भी सॉफ्टवेयर कब्ज़ा जमा रहे हैं. इसका एक ऐसा उदाहरण हम आपको बताएंगे, जो आपको हैरान कर देगा.
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कई बार हम जो देखते हैं, वो हमेशा सही ही नहीं होता है. कुछ ऐसा ही हो रहा है लोगों के साथ, जो एक चेहरे पर फिदा हैं लेकिन उसके पीछे का सच कुछ और ही है. ये चेहरा है एक मॉडल का, जो अपने ट्रैवेल फोटोज़ के ज़रिये लोगों से जुड़ी हुई है. वो अपनी तस्वीरें कुछ प्लेटफॉर्म्स पर डालती है, जिसे लोग खूब पसंद करते हैं. जब उन्हें इसकी हकीकत पता चलती है तो उनके होश फाख्ता हो जाते हैं.
जो दिखता है, वो सच नहीं होता!
ऑडिटी सेंट्रल की रिपोर्ट के मुताबिक लिली रेन नाम की एक मॉडल सिर्फ ट्रैवलिंग के फोटो डालकर महीने में 17 लाख से ज्यादा कमाई कर रही है. उसके सोशल मीडिया पर अच्छे-खासे फॉलोअर्स भी हैं. हालांकि इसके पीछे एक राज़ छिपा हुआ है, जो लोगों का दिल तोड़ देता है. ये राज़ कुछ यूं है कि ये मॉडल दरअसल अस्तित्व में है ही नहीं. ये एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनाई गई वर्चुअल मॉडल है, जिसकी खूबसूरती और ज़िंदादिली पर लोग फिदा हैं.
और भी ऐसी मॉडल्स …
लिली की पिक्चर्स को इतनी सफाई से बनाया जाता है कि कोई जान ही नहीं पाता कि ये वर्चुअली बनाई गई हैं और कुछ भी सच नहीं है. वैसे आपको बता दें कि सिर्फ लिली ही नहीं, कुछ और ऐसी एआई मॉडल्स भी हैं, जिनके लाखों में फॉलोअर्स हैं और वे 25-30 लाख रुपये भी कमा रही हैं. इनके क्रिएटर्स को अच्छा-खासा पैसा मिल मिल रहा है लेकिन वे लोग धोखा खा जाते हैं, जो इन्हें इंसान समझ बैठते हैं.
