नई दिल्ली। सरकारी कर्मचारियों को बजट 2024 (Budget 2024) से पहले ही एक खुशखबरी मिल गई है। दरअसल, 8वें वेतन आयोग का प्रस्ताव बनाकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के पास भेज दिया गया है। इससे वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बेसिक वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य फायदों की समीक्षा कर सकेगा।
मोदी 3.0 का पहला पूर्ण बजट जुलाई के तीसरे हफ्ते में पेश होने की संभावना है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में 8वें वेतन आयोग के प्रपोजल पर चर्चा कर सकती हैं।
8th Pay Commission का प्रपोजल
नेशनल काउंसिल (स्टाफ साइड, जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी फॉर सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉईज) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सचिव को लेटर लिखकर आठवें वेतन आयोग का गठन करने की मांग दोहराई है। इसमें सरकार से गुजारिश की गई है कि वह 8वें वेतन आयोग के गठन को प्राथमिकता दे। हर 10 साल में केंद्रीय वेतन आयोग का गठन होता है। यह केंद्रीय कर्मचारियों की मौजूदा तनख्वाह और अन्य भत्तों की समीक्षा करता है और उसी के आधार पर उसमें इजाफे की सिफारिश करता है।
कब आया था 7th Pay Commission
7th Pay Commission को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह फरवरी 2014 में लाए थे। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुईं। ऐसे में यह पहली दफा होगा, जब मोदी सरकार के कार्यकाल में नए वेतन आयोग का गठन होगा। अगर दस साल के सामान्य अंतराल के हिसाब से देखें, तो 8वां केंद्रीय वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से शुरू होने का प्रपोजल है। लेकिन, सरकार ने अभी तक इसके औपचारिक गठन का एलान नहीं किया है।
8वें वेतन आयोग से बड़ी उम्मीदें
शिव गोपाल मिश्रा का कहना है कि कोरोना के बाद मुद्रास्फीति में इजाफा हुआ है। यह कोविड से पहले वाली मुद्रास्फीति के स्तर से भी अधिक है। अगर हम 2016 से 2023 तक रोजमर्रा के लिए जरूरी चीजों की खुदरा कीमतों की तुलना करें, तो स्थानीय बाजारों में उनके 80 फीसदी से ज्यादा तक बढ़ गए हैं। ऐसे में सरकारी कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने की जरूरत है।
केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारी 8वें केंद्रीय वेतन आयोग पर अपडेट का इंतजार कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी की तीसरी बार सत्ता में वापसी साथ के साथ कर्मचारियों की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं।
8वें वेतन में कैसा होगा सैलरी स्ट्रक्चर?
शिव गोपाल मिश्रा का कहना है कि अब वक्त बदल गया है, ऐसे में वेतन की समीक्षा करने के लिए 1 दशक काफी लंबा समय हो जाता है। इसके बजाय सरकारी कर्मचारियों की सैलरी की समय-समय पर समीक्षा होनी चाहिए और उसी के अनुसार उसमें बदलाव होना चाहिए। हालांकि, अभी 8वें वेतन आयोग के सैलरी स्ट्रक्चर की कोई रुपरेखा नहीं बनी है। इस पर आगे चर्चा होने की संभावना है।