8th Pay Commission Formula: भारत सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है, जिससे लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को अपनी सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी की उम्मीद है. इस आयोग के तहत सैलरी में वृद्धि का मुख्य आधार फिटमेंट फैक्टर होगा, जो कर्मचारियों की सैलरी को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण गुणक के रूप में काम करता है.
8वें वेतन आयोग का फॉर्मूला
दरअसल, किसी भी वेतन आयोग में सैलरी और पेंशन बढ़ाने में सबसे अहम फैक्ट फिटमेंट फैक्टर होता है. ये एक ऐसा गुणक है जो कर्मचारियों की मौजूदा बेसिक सैलरी को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिसके कारण कर्मचारियों की सैलरी में औसतन 23.55 फीसदी की वृद्धि हुई थी. अब, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 8वें वेतन आयोग में इस फैक्टर को 2.28 से 2.86 के बीच रखा जा सकता है, जिससे कर्मचारियों को 20 फीसदी से 50 फीसदी तक की सैलरी वृद्धि की उम्मीद है. उदाहरण के लिए, अगर किसी की वर्तमान बेसिक सैलरी 18,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.86 है, तो रिवाइज्ड बेसिक सैलरी 51,480 हो जाएगी.
8वें वेतन आयोग की बड़ी बातें
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है. इससे लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी लाभार्थी होंगे. सैलरी के साथ ही विभिन्न भत्ते जैसे कि डीए, एचआरए, टीए, मेडिकल, शिक्षा आदि भी 8वें वेतन आयोग में बढ़ाए जा सकते हैं.
8वां वेतन आयोग क्यों जरूरी है
8वें वेतन आयोग का गठन सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनकी सैलरी और पेंशन में वृद्धि के साथ-साथ उनके जीवन स्तर में सुधार लाने में मदद करेगा. यह आयोग महंगाई और आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सैलरी संरचना में आवश्यक समायोजन करेगा, जिससे कर्मचारियों को उनके काम के अनुसार उचित मुआवजा मिल सके.
