कर्नाटक सरकार की कैबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को 1 अगस्त से लागू करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री विधानसभा सत्र के दौरान सात लाख से अधिक राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि की घोषणा करने के लिए तैयार हैं। इस बात की जानकारी न्यूज एजेंसी पीटीआई के जरिए सामने आई है।
कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर बात करते हुए कहा, “लोगों की मांग थी कि सातवें वेतन आयोग को राज्य में लागू किया जाए और जो कांग्रेस नीत सरकार की घोषणापत्र का हिस्सा भी रही है। कल हम इसे कैबिनेट में लाए और इससे राज्य के करीब 14 से 15 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा”।
पीटीआई रिपोर्ट के मुताबिक, सातवें वेतन आयोग को पूर्व मुख्य सचिव के सुधाकर रॉव लीड कर रहे हैं, जिन्होंने सरकारी कर्मचारियों की बेसिक वेतन को 2.75 फीसद बढ़ाने का सुझाव सरकार को दिया, जिससे सरकारी खजाने पर सालाना 17,440.15 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आने की उम्मीद है।
सरकार को भी इन्होंने चेताया
यह निर्णय तब लिया है सिद्धारमैया सरकार ने जब उसपर इस बात का दबाव बढ़ रहा था कि वो सरकारी कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी करे, इस पर सबसे ज्यादा कर्नाटक राज्य सरकार कर्मचारी संगठन अपनी ओर से इसे धरातल पर लाने के लिए सरकार से कह रहा था, वहीं संगठन ने सरकार को चेता भी दिया कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो अनिश्चिताकल तक अगस्त में स्ट्राइक पर चले जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि, “मार्च 2023 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कर्मचारियों को अंतरिम 17 प्रतिशत वेतन वृद्धि दी थी, जिसमें सिद्धारमैया प्रशासन द्वारा 10.5 प्रतिशत अंक की बढ़ोतरी की संभावना है, जो कुल मिलाकर 27.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। यह बढ़ोतरी सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार मूल वेतन में होने जा रही है।
सड़क परिवहन निगम को इस वजह से हुआ घाटा
इससे पहले 15 जुलाई को, कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) ने महत्वपूर्ण वित्तीय घाटे का हवाला देते हुए, बस किराया 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार के सामने रखने की योजना बनाई थी। पिछले तीन महीनों में, केएसआरटीसी को 295 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है, मुख्य रूप से शक्ति योजना के कारण, जो कर्नाटक में महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा की पेशकश करती है।
अगला वेतन संशोधन 2024 के लिए निर्धारित
केएसआरटीसी के अध्यक्ष एसआर श्रीनिवास ने कहा, “आखिरी बार बस टिकट की कीमत में वृद्धि साल 2019 में हुई थी। तब से बिना किसी बढ़ोतरी के 5 साल हो गए हैं। तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण किराये में बढ़ोतरी अपरिहार्य है। वेतन बढ़ाने और कर्मचारियों को लाभ प्रदान करने के लिए, दरों को समायोजित करना आवश्यक है।” उन्होंने यह भी कहा कि केएसआरटीसी कर्मचारियों के लिए वेतन संशोधन 2020 में किया गया था, जबकि अगला संशोधन 2024 के लिए निर्धारित है।
