Explore

Search
Close this search box.

Search

October 18, 2024 8:26 am

लेटेस्ट न्यूज़

संसद हमले के 22 साल, उपराष्ट्रपति-स्पीकर ने दी श्रद्धांजलि:मोदी-शाह, खड़गे और सोनिया मौजूद रहे, PM शहीदों के परिवार से भी मिले

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले को आज 22 साल हो गए हैं। संसद के शीतकालीन सत्र के आज आठवें दिन (13 दिसंबर) की कार्यवाही शुरू होने से पहले PM मोदी समेत कई नेताओं और सांसदों ने हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद PM मोदी और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शहीदों के परिवार से मुलाकात की।

संसद भवन के बाहर श्रद्धांजलि स्थल पर PM मोदी के साथ गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, BJP सांसद जेपी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद सोनिया गांधी समेत कई नेता मौजूद थे।PM मोदी ने X पर पोस्ट में लिखा-आज, हम 2001 में संसद हमले में शहीद हुए बहादुर सुरक्षाकर्मियों को याद कर श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उनका साहस और बलिदान हम हमेशा याद रखेंगे।उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक्स (X) पर पोस्ट में लिखा- 2001 में हमारी संसद पर हुए हमले के दौरान शहीद हुए साहसी सुरक्षाकर्मियों को हम याद कर रहे हैं। भारत उनके बलिदान के लिए हमेशा उनका ऋणी रहेगा। आतंकवाद पूरी दुनिया में मानवता के लिए एक खतरा बना हुआ है। इसे खत्म करने के लिए विश्व के सभी देशों को एकजुट होना होगा।

संसद के हमले की पूरी कहानी
13 दिसंबर 2001 को संसद में विंटर सेशन चल रहा था। इस दिन भी महिला आरक्षण बिल पर चर्चा होनी थी, लेकिन 11:02 बजे संसद को स्थगित कर दिया गया था। करीब साढ़े ग्यारह बजे उपराष्ट्रपति के सिक्योरिटी गार्ड उनके बाहर आने का इंतजार कर रहे थे और तभी सफेद ऐंबेसेडर में सवार 5 आतंकी गेट नंबर-12 से संसद के अंदर घुस गए। उस समय सिक्योरिटी गार्ड निहत्थे हुआ करते थे।

ये सब देखकर सिक्योरिटी गार्ड ने उस ऐंबेसेडर कार के पीछे दौड़ लगा दी। तभी आतंकियों की कार उपराष्ट्रपति की कार से टकरा गई। इसके बाद आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों के पास एके-47 और हैंडग्रेनेड थे।

इसके बाद संसद भवन में मौजूद CRPF की बटालियन अलर्ट हो गई। उस वक्त सदन में देश के गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी, प्रमोद महाजन समेत कई बड़े नेता और पत्रकार मौजूद थे। सभी को संसद के अंदर ही सुरक्षित रहने को कहा गया। इस बीच एक आतंकी ने गेट नंबर-1 से सदन में घुसने की कोशिश की, लेकिन सिक्योरिटी फोर्सेस ने उसे वहीं मार गिराया। इसके बाद उसके शरीर पर लगे बम में भी ब्लास्ट हो गया था।

बाकी के 4 आतंकियों ने गेट नंबर-4 से सदन में घुसने की कोशिश की, लेकिन इनमें से 3 आतंकियों को वहीं पर मार दिया गया था। इसके बाद बचे हुए आखिरी आतंकी ने गेट नंबर-5 की तरफ दौड़ लगाई, लेकिन वो भी जवानों की गोली का शिकार हो गया। जवानों और आतंकियों के बीच 11:30 बजे शुरू हुई ये मुठभेड़ शाम को 4 बजे खत्म हुई। इस पूरे हमले में दिल्ली पुलिस के 5 जवान, CRPF की एक महिला सिक्योरिटी गार्ड, राज्यसभा के 2 कर्मचारी और एक माली की मौत हो गई।

इस हमले के दो दिन बाद 15 दिसंबर 2001 को आतंकी अफजल गुरु, एसएआर गिलानी, अफशान गुरु और शौकत हुसैन को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने गिलानी और अफशान को बरी कर दिया, लेकिन अफजल गुरु की मौत की सजा को बरकरार रखा। 9 फरवरी 2013 को अफजल गुरु को दिल्ली की तिहाड़ जेल में सुबह 8 बजे फांसी पर लटका दिया गया संसद के शीतकालीन सत्र के सातवें दिन गृह मंत्री अमित शाह ने मानूसन सत्र में पेश किए तीनों क्रिमिनल बिल वापस ले लिए। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता को 11 अगस्त को संसद में पेश किया गया था।

Sanjeevni Today
Author: Sanjeevni Today

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर