Explore

Search

October 15, 2025 10:10 am

एक साल में खर्च कर डाले 1.28 लाख करोड़……’भारत का दोस्त बना रहा रिकॉर्ड…….

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

अगर आप सोच रहे हैं कि भारत का नंबर 1 दो रूस, अमेरिका या फिर ब्रिटेन और जर्मनी है तो आप गलतफहमी में जी रहे हैं. निवेश के मामले में भारत का सबसे करीबी दोस्त इनमें कोई नहीं है. जो देश भारत में पिछले 7 साल से निवेश करता आ रहा है अगर उसका नाम आपको पता चल जाएगा तो आप भी हैरान हो जाएंगे. ये देश कोई और नहीं बल्कि सिंगापुर है. सिंगापुर भारत में निवेश के मामले में ​बीते 7 साल से टॉप देखने को मिल रहा है. खास बात तो ये है कि बीते वित्त वर्ष में सिंगापुर ने 1.28 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा यानी अमेरिका और जापान देशों के निवेश के मुकाबले में 3 से 5 गुना ज्यादा है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सिंगापुर के साथ दुनिया के बाकी देश एफडीआई के रूप में कितना निवेश करते हैं.

यहां जानें: रोजाना मलासन करने से शरीर को मिलेंगे ये गजब के फायदे……

सिंगापुर लगातार 7वें साल टॉप पर

सिंगापुर पिछले सात साल से भारत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है. भारत को 2024-25 में सिंगापुर से लगभग 15 अरब अमेरिकी डॉलर का सबसे अधिक विदेशी निवेश मिला है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुल एफडीआई (जिसमें इक्विटी फ्लो, रीइंवेस्ट इनकम और अन्य पूंजी शामिल है) 14 फीसदी बढ़कर 81.04 अरब डॉलर हो गया. यह पिछले तीन साल का सबसे ऊंचा आंकड़ा है. ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 में सिंगापुर से एफडीआई 2023-24 के 11.77 अरब डॉलर से बढ़कर 14.94 अरब डॉलर हो गया. 2024-25 में कुल प्रवाह में सिंगापुर का योगदान लगभग 19 फीसदी था. 2018-19 से, सिंगापुर, भारत के लिए एफडीआई का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है.

इन देशों ने भी किया मोटा निवेश

इससे पहले 2017-18 में भारत ने मॉरीशस से सबसे ज़्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया था. पिछले वित्त वर्ष में देश को मॉरीशस से 8.34 अरब डॉलर का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ. बीते वित्त वर्ष में मॉरीशस के बाद अमेरिका (5.45 अरब डॉलर), नीदरलैंड (4.62 अरब डॉलर), यूएई (3.12 अरब डॉलर), जापान (2.47 अरब डॉलर), साइप्रस (1.2 अरब डॉलर), ब्रिटेन (79.5 करोड़ डॉलर), जर्मनी (46.9 करोड़ डॉलर) और केमैन आइलैंड (37.1 करोड़ डॉलर) का स्थान रहा. विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में मजबूत स्थिति, बेहतर द्विपक्षीय संबंध और वैश्विक निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी निवेश का गेटवे होने की वजह से भारत के लिए सिंगापुर सबसे बड़ा एफडीआई का स्रोत बना हुआ है.

क्या कहते हैं जानकार

डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि पूंजी बाजार में उथल-पुथल और व्यापार को लेकर अनिश्चितताओं के बावजूद भारत भारी विदेश निवेश आकर्षित करने में कामयाब रहा है, जो स्टेबल और लॉन्गटर्म है. उन्होंने कहा कि चूंकि एशिया विदेशी पूंजी प्रवाह प्राप्त करने वाला दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है, इसलिए फंड का एक बड़ा हिस्सा सिंगापुर से आता है. इसके कई कारण हैं. कम कर वाला क्षेत्र होने के साथ सिंगापुर का कानूनी ढांचा काफी मजबूत है, ऐसे में उसे एशिया के लिए रणनीतिक वित्तीय गेटवे माना जाता है. मजूमदार ने कहा कि दोनों देशों के बीच दोहरा कराधान बचाव संधि की वजह से सिंगापुर के संगठनों को भारत में निवेश करने में मदद मिलती है और भारत से कमाई पर उनका कुल कर का बोझ भी कम होता है.

Seema Reporter
Author: Seema Reporter

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर