जयपुर. क्या राजस्थान में शिक्षा विभाग उर्दू विषय को खत्म करने जा रहा है? इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. इन चर्चाओं की एक बड़ी वजह है शिक्षा विभाग की ओर से उर्दू को लेकर निकाला गया बड़ा आदेश. हालांकि यह आदेश एक स्कूल के लिए ही निकाला गया है लेकिन इसके मायने गहरे बताए जा रहे हैं. इस आदेश को लेकर बड़ी हलचल मची हुई है. यह आदेश जयपुर की एक स्कूल से उर्दू की जगह संस्कृत विषय को तृतीय भाषा का एक विकल्प बनाने का निर्देश देने वाला है.
दरअसल यह आदेश राजधानी जयपुर के एक सरकारी स्कूल महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय आरएसी बटालियन जयपुर से जुड़ा है. इस आदेश में स्कूल प्रिंसिपल को स्कूल में तृतीय भाषा खोलने का प्रस्ताव भिजवाने के संबंध में निर्देश दिए गए हैं. जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) जयपुर की ओर से जारी किए गए इस आदेश में कहा गया है कि स्कूल में उर्दू बंद कर संस्कृत शिक्षक का पद सृजित करने किया जाए.
आदेश में शिक्षा मंत्री कार्यालय के पत्र का हवाला दिया गया है
इस आदेश में शिक्षा मंत्री कार्यालय के विशिष्ट सहायक के पत्र का हवाला दिया गया है. उसमें कहा गया है कि वरिष्ठ अध्यापक संस्कृत का पद पुन: सृजित किया जाए. जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रिंसिपल को आदेश दिया है कि वे स्कूल में तृतीय भाषा संस्कृत खोलने का प्रस्ताव एसडीएमसी से अभिशंषा करवाकर तत्काल प्रभाव से भिजवाएं ताकि प्रस्ताव को आगे की कार्रवाई के लिए शिक्षा निदेशालय बीकानेर भेजा जा सके.
आदेश के पीछे यह तर्क बताया जा रहा है
सूत्रों के मुताबिक इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि स्कूल में उर्दू के पर्याप्त संख्या में छात्र नहीं हैं. इसलिए वहां इस विषय को बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है. बहरहाल शिक्षा विभाग का यह आदेश सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. इस आदेश को लेकर कई तरह की आशंकाएं जताई जा रही है.
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