खुल रहे है स्कूल: संयुक्त अभिभावक संघ रखेगी निगरानी, लापरवाही बरती तो स्कूलों के खिलाफ करवाएंगे एफआईआर दर्ज

जयपुर। राज्य सरकार के आदेश के बाद सोमवार से प्रदेश में कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खुल रहे है। जिसमे बच्चे अपने माता-पिता की सहमति के बाद स्कूल आ सकेंगे। राज्य सरकार ने स्कूल खोलने को लेकर एडवाइजरी और गाइडलाइन जारी की है और अधिकारियों को भी स्कूलों में जाने के निर्देश दिए गए है। उधर संयुक्त अभिभावक संघ ने भी स्कूल खुलने के बाद निगरानी को लेकर 5 सदस्यीय एक टास्क फोर्स कमेटी का गठन किया है जो प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में जाकर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन की जांच करेगी और स्कूलों की व्यवस्था को जांचेगी। पांच सदस्यीय कमेटी में मनीष विजयवर्गीय, युवराज हसीजा, मनोज जसवानी, अमृता सक्सेना और दौलत शर्मा को शामिल किया गया।
प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि राज्य सरकार ने स्कूलों को खोलने के निर्देश तो दे दिए है किंतु अभी तक गाइडलाइन के अनुसार स्कूलों ने तैयारियां पूरी नही की है। अभिभावकों में सबसे बड़ी शंका 1 लाख सरकारी और निजी शिक्षा भवन है जिनकी कोरोना गाइडलाइन के अनुसार जांच तक संभव नही हुई है। दूसरी शंका 25 लाख से अधिक शिक्षकों (सरकारी और निजी) और पढ़ने वाले करोड़ो बच्चों को लेकर है जिनकी कोविड़ जांच अभी तक संभव तक नही हुई है और ना मॉनिटरिंग व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया है।
सोमवार से स्कूल खुल रहे है किंतु ना स्कूलो की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की गई और ना ही शिक्षकों की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है। ऐसी स्थिति में कैसे अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजे। राज्य सरकार ने तो स्कूल खोलने के आदेश देकर ख़ानापूर्ति कर अपनी ज़िम्मेदारियों से इतिश्री कर ली है।
ऐसी स्थिति में अभिभावक असमंजस में है की बच्चों को स्कूल भेजा जाए या नहीं। सरकार और शिक्षा विभाग ने स्कूलों संचालकों के दबाव में जल्दबाजी में निर्देश तो जारी कर दिए किन्तु अगर किसी भी प्रकार की अनहोनी होती है तो इसके दुष्प्रभाव बच्चों के मार्फ़त अभिभावकों और घर के बुजुर्गों पर पड़ेगा जिसके परिणाम गम्भीर हो सकते है।
लीगल सेल अध्यक्ष एडवोकेट अमित छंगाणी ने जानकारी देते हुए कहा कि सोमवार से प्रदेश में स्कूल, शिक्षण, कॉलेज और कोचिंग संस्थान खुल रहे है जिसको लेकर संयुक्त अभिभावक संघ की टास्क फोर्स स्कूलों पर निगरानी रखेगी, इस दौरान अगर स्कूलों द्वारा अगर लापरवाही बरती गई तो संयुक्त अभिभावक संघ धारा 269 व 270 के तहत एफआईआर दर्ज करवाएगा। वहीं किसी बीमारी को फैलाने के लिए किया गया लापरवाही भरा काम जिससे किसी अन्य व्यक्ति की जान को खतरा हो सकता है को भ.द.स की धारा 269 के तहत दंडनीय अपराध बनाया गया है जिसमें छह माह की सजा का प्रावधान है। वहीं धारा 270 के तहत किसी बीमारी को फैलाने के लिए किया गया घातक या नुकसानदेह काम जिससे किसी अन्य व्यक्ति की जान को खतरा हो सकता है के लिए दो साल तक की सजा का प्रावधान है।
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