बीएसएफ हैड कांस्टेबल को फर्जी डॉक्टर बनकर 2 लाख ठगे

जोधपुर। अब तक तो फौजी बनकर या बैंककर्मी बनकर ठगी करने के मामले सामने आए है। मगर अब लोग खुद को डॉक्टर बताकर भी ठगी करने लगे है। कुछ दवाइयां भेज विश्वास में लेते है फिर ठगी का अपना गोरखधंधा आरंभ कर देते है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जब सीमा सुरक्षा बल प्रशिक्षण केंद्र में लगे हैडकांस्टेबल की शारीरिक दुर्बलता का फायदा कुछ शातिरों ने उठा लिया। फर्जी डॉक्टर बनकर एक महिला सहित दो अन्य इलाज के नाम से दो लाख से ज्यादा की ठगी कर ली। पीडि़त बीएसएफ हैडकांस्टेबल ने अब मंडोर पुलिस की शरण लेकर केस दर्ज करवाया है। पुलिस ने अनुसंधान आरंभ किया है।
मंडोर थाने के सबइंस्पेक्टर मनोज कुमार ने बताया कि बीएसएफ प्रशिक्षण केंद्र में एक हैडकांस्टेबल से यह ठगी हुई है। वह शारीरिक रूप से कमजोर है। दुबला पतला होने के कारण गत वर्ष जुलाई में उसके मोबाइल पर एक मैसेज आया था। जिसमें शारीरिक दुर्बलता को दूर करने के लिए किसी डॉक्टर निधि छाबड़ा के नंबर दिए गए थे। इस पर उसने संपर्क साधा और इलाज की बात की गई। तब फर्जी डॉक्टर बनी निधि छाबड़ा ने उसे झांसे में लिया। इलाज के नाम पर पहले एक हजार रुपये मंगवाए गए। फिर रजिस्टे्रशन और अन्य मद के लिए रुपये लिए गए। इलाज हजार रूपए में करने को कहा गया, मगर जब दवाइयां उसके पते पर भेजी तो वह 14 हजार की निकली।
इसके लिए उससे 14 हजार रुपये लिए गए, फिर 22 हजार और ले लिए गए। इस निधि छाबड़ा के साथ दो अन्य रवि और संदीप आदि उसे चेक करने के लिए आने का झांसा देते रहे और धीरे धीरे जुलाई से 28 अगस्त की बीच में दो लाख से ज्यादा की रकम वसूल कर ली। वह उनके बताए खातों में रुपये डलवाता रहा। कभी बैंक जाकर रुपये डालता तो कभी ऑन लाइन पेमेंट कर देता। पीडि़त ने रिपोर्ट में बताया कि अब इन बदमाशों ने फोन बंद कर दिया है।
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