कोचिंग संस्थानों में आने वाले छात्रों को सुरक्षा देंगे 22 लाख कोरोना वॉरियर

जयपुर। लॉकडाउन के चलते सबसे पहले बंद हुए कोचिंग संस्थान भारी नुकसान से उबरने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन सोशल डिस्टेंस तथा कोरोना गाइड लाइन की पालना कोचिंग व्यवसाय के पटरी पर आने में बाधक बने हुए हैं। ऑल कोचिंग इंस्टीट्यूट महासंघ ने दावा किया है कि दो गज दूरी की पालना करने के कारण राजस्थान के कोचिंग व्यवसाय को प्रत्यक्ष रूप से पांच सौ करोड़ रुपये महीने का घाटा उठाना पड़ रहा है जिसके चलते कोचिंग व्यवसाय डगमगा रहा है।
महासंघ ने सरकार से लॉकडाउन के कारण कोचिंग व्यवसाय को हुए नुकसान का आंकलन कर राहत पैकेज जारी करने की मांग की है। ऑल कोचिंग इंस्टीट्यूट महासंघ के अध्यक्ष आरसी शर्मा ने बताया कि एक तरफ इस बार पूर्व की भांति जयपुर में बच्चों का रुझान कम है वहीं क्लास रूमों में सोशल डिस्टेंस की पालना के चलते एक तिहाई छात्र ही बैठ पा रहे हैं, जिससे कई कोचिंग संस्थानों को अपना किराया निकालना भी मुश्किल हो रहा हैं।
महासंघ के प्रदेश संयोजक अनीष कुमार ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कोचिंग संचालकों ने कोरोना महामारी से लडऩे में सरकार की भरपूर मदद की थी, वह मदद आगे भी जारी रहेगी चाहे नुक़सान उठाना पड़े लेकिन राष्ट्रहित में कोरोना गाइडलाइन की पूर्ण पालना की जाएगी। कोरोना महामारी से लडऩे के लिए सरकार के साथ कदम से कदम मिलाते हुए हर कोचिंग संस्थान से 10 प्रतिशत छात्र-छात्राओं को कोरोना वॉरियर के रूप में कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। वहीं जिन कोचिंग, हॉस्टल, लाइब्रेरी कोचिंग छात्रों के एकत्रित होने वाले स्थान में कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन पाया जाएगा उनके खिलाफकठोर अनुशासनात्मक तथा दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं करने वाले संस्थानों की जांच के लिए महासंघ जिला स्तर पर अलग टीम गठित करेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कोरोना जागरूकता अभियान में राज्यभर से 22 लाख युवा छात्र-छात्राओं को जोड़ा जाएगा।
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