Live Updates/ कृषि मंत्री का बड़ा बयान, कहा- कोई ना कोई ताकत है जो किसान आंदोलन को बनाए रखना चाहती है...

नई दिल्ली। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 58वां दिन है। किसानों के इस शांत आंदोलन की ‘ताकत’ भी लगातार बढ़ती जा रही है। ठंड की परवाह किए बिना हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से किसानों के जत्थे रसद के साथ लगातार धरनास्थल पर पहुंच रहे हैं। इस बीच आज सरकार और किसानों के बीच 11वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही।
किसानों के साथ वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा, “कोई ना कोई ताकत है जो किसान आंदोलन को बनाए रखना चाहती है।” उन्होंने कहा, “यह आंदोलन किसानों का है और सरकार किसानों के हित की बात करना चाहती है लेकिन किसान यूनियनों के साथ बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंच रही है, तो इसका मतलब है कि कोई ना कोई ताकत है जो अपने हित के लिए किसान आंदोलन को बनाए रखना चाहती है।”
कृषि मंत्री का इशारा वामपंथी दलों समेत पूरे विपक्ष की तरफ था। केंद्र सरकार ने किसानों को नए कृषि कानून के अमल पर डेढ़ साल तक रोक लगाने एक समिति बनाकर आंदोलन से जुड़े सभी पहलुओं का समाधान तलाशने का प्रस्ताव दिया है लेकिन किसानों द्वारा इस प्रस्ताव को नामंजूर करने और नए कृषि कानून को निरस्त करने की मांग पर वार्ता बेनतीजा रही।
हालांकि अगले दौर की वार्ता के लिए कोई तारीख मुकर्रर नहीं की गई है, लेकिन कृषि मंत्री ने कहा की किसान यूनियनों को सरकार द्वारा दिए गए प्रस्तावों पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया है और यह कहा गया है कि अगर वे इस प्रस्ताव पर बात करने के लिए तैयार होते हैं तो कल भी सरकार के साथ बातचीत हो सकती है।
बता दें कि अब तक किसान संगठनों की सरकार के साथ 11 बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। 22 जनवरी की वार्ता भी बेनतीजा रही है। गौरतलब है कि आंदोलनकारी किसान 28 नवंबर से दिल्ली की बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। साथ ही किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली करने का ऐलान किया है।
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