Live Updates/ किसान नेता का बड़ा बयान, कहा- हमने सरकार से तीनों कानून रद्द करने का आग्रह किया लेकिन केंद्र ऐसा करने को अनिच्छुक दिखी

नई दिल्ली। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 51वां दिन है। किसानों के इस शांत आंदोलन की ‘ताकत’ भी लगातार बढ़ती जा रही है। ठंड की परवाह किए बिना हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से किसानों के जत्थे रसद के साथ लगातार धरनास्थल पर पहुंच रहे हैं। इस बीच किसानों और सरकार के बीच शुक्रवार को 9वें दौर की वार्ता विज्ञान भवन में हुई।
हर बार की तरह आज की बैठक भी बेनतीजा रही। अब 19 जनवरी को दोपहर 12 बजे सरकार और किसानों की फिर बैठक होगी। इस बीच किसान नेता जोगिन्दर सिंह उग्रहान ने संवाददाताओं से बैठक के बाद कहा कि किसान संगठनों ने सरकार से तीनों कानून रद्द करने का आग्रह किया लेकिन केंद्र ऐसा करने को अनिच्छुक दिखी। उन्होंने कहा, 'हमने 19 जनवरी को दोपहर 12 बजे फिर से मिलने का फैसला किया है।'
उग्रहान ने कहा कि बैठक के दौरान किसान संगठनों के नेताओं ने पंजाब के उन ट्रांसपोर्टरों पर एनआई के छापे का मुद्दा उठाया जो किसान विरोध प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं और आवाजाही की सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। भोजनावकाश सहित करीब पांच घंटे तक चली बैठक में किसान संगठनों ने कहा कि वे तीन कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध को दूर करने के लिये सीधी वार्ता जारी रखने को प्रतिबद्ध हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री तथा पंजाब से सांसद सोम प्रकाश ने करीब 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विज्ञान भवन में नौवें दौर की वार्ता की।
उधर, किसानों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि राहुल गांधी के बयानों और कार्यों पर कांग्रेस पार्टी हंसती है, उनका मजाक उड़ाती है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि 2019 के अपने चुनावी घोषणा पत्र में, कांग्रेस ने वादा किया था कि वे इसमें सुधार लाएंगे। अगर उन्हे याद नहीं है, तो उन्हें फिर से घोषणापत्र पढ़ना चाहिए।'
इसके अलावा तोमर ने कहा कि सरकार चाहती है कि बातचीत से हल निकले और किसानों का आंदोलन खत्म हो। कृषि मंत्री ने कहा कि बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। चर्चा में हल नहीं निकल सका। सरकार की ओर से किसानों को मीटिंग में यह भी कहा गया कि कौन सा मुद्दा आपके लिए अहम है, किस मुद्दे का समाधान निकलने से आप लोग आंदोलन खत्म कर सकते हैं, तो किसानों की ओर से यह कहा गया कि हमारे लिए तीनों कानूनों की वापसी और एमएसपी गारंटी कानून दोनों मुद्दे हैं। दोनों मुद्दे आपको पूरे करने पड़ेंगे। तब यह आंदोलन खत्म होगा जिस पर सरकार ने कहा कि 19 तारीख को 12 बजे फिर बैठक होगी, उसके बाद हम आपसे बातचीत दोबारा से करेंगे।
बता दें कि इस बैठक में सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध के बीच कोई हल निकलने की उम्मीद थी। अब तक सरकार के साथ किसानों की 9दौर की वार्ता हो चुकी है, मगर उसके बाद भी कोई हल नहीं निकला है। किसान किसी भी कीमत पर मानने को तैयार नहीं है।
गौरतलब है कि आंदोलनकारी किसान 28 नवंबर से यूपी गेट पर डेरा डाले हुए हैं और 3 दिसंबर से NH-9 के गाजियाबाद-दिल्ली कैरिजवे को भी बंद कर दिया है। उधर, सुप्रीम कोर्ट के कमेटी वाले फैसले पर भी किसान संगठन संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। आंदोलनरत किसानों की मांग तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की है। इसके मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सिंघु बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया।
यह खबर भी पढ़े: कांग्रेस ने अन्नदाताओं के लिए सोशल मीडिया पर चलाया खास कैंपेन, कहा- भारत के किसान राष्ट्रीय राजधानी में न्याय के लिए आंदोलनरत है...